👉स्वास्थ्य विभाग की टीम बनी उन परिवारों के लिए जीवन दाता
एक छोटी सी गलती किस तरह गंभीर घटना को अंजाम दे देती है। इसका ताजा उदाहरण गोरेगांव तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम बबई ग्राम में आयोजित एक विवाह समारोह के भोजन ग्रहण करने वाले पीड़ित मेहमानों में दिखाई दिए है। जिसमें संदेह जताया जा रहा है कि अंदाजन तीन वर्ष पुराना निकृष्ट दर्जे का चावल पकाकर बारातियों को खिलाया गया । जिस वजह से 50 से अधिक आमंत्रित मेहमानों को विषबाधा हुई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ग्राम में ही एक कैंप लगाकर जांच अभियान शुरू कर दिया है। जहां-जहां के मेहमानों ने इस भोजन का ग्रहण किया है ऐसे ग्रामों के आशा सेविकाओं के माध्यम से मेहमानों की सूची तैयार कर उनकी खबरदारी ली जा रही है। इस जांच अभियान में बीमार पड़े व्यक्तियो पर ग्राम पंचायत बबई में ही उपचार के सारे संसाधन उपलब्ध कराकर मरीजों पर उपचार किया जा रहा है । कहा जा रहा है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम उन परिवारों के लिए जीवन दाता साबित हो रही है। जो इस भोजन से पीड़ित हुए हैं।फिलहाल सभी की हालत चिंता के बाहर बताई जा रही है तो चलो जानते हैं इस खबर के माध्यम से बबई ग्राम की खबर
👉शादी समारोह के भोजन से विषबाधा :
👉दुल्हे का परिवार छोड़ 50 से अधिक बाराती बीमार,
👉गर्भवती महिला का भी समावेश
✍️लोकशाही एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क
गोरेगांव तहसील के बबई ग्राम में विवाह समारोह के भोजन से 50 से अधिक बारातीयों को विषबाधा होने से उनकी तबियत बिगड़ गई है। घटना 6 अप्रैल को सामने आते ही बबई ग्राम के साथ स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है, जो बाराती बीमार पड़े है इन सभी मरीजों को ग्रामीण अस्पताल गोरेगांव, मोहाडी पीएचसी तथा गोंदिया के निजी अस्पतालों में भर्ती कर उन पर उपचार शुरू किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जानकारी दी गई कि फिलहाल सभी मरीजों के स्वास्थ्य में सुधार होकर सभी चिंता के बाहर है। जिसमें एक मरीज 7 माह की गर्भवती महिला का समावेश है। जिसका स्वास्थ्य अब ठीक-ठाक है। ग्रामीण अस्पताल के अधिक्षक डा. पी.के. पटले, तहसील स्वास्थ्य अधिकारी चव्हाण के मार्गदर्शन में मेडिकल ऑफिसर डा. कुलदीप बघेले, डा. यामिनी भगत, डा. कश्मी रामटेके, स्वास्थ्य सेवक रवि पटले, विजय थमके, नर्स एल.आर. गौतम, एस.एस. चौधरी, महाजन, एम.पी.डब्ल्यू शिंदे, बोरकर व आशा सेविकाएं मरीजों पर निगरानी बनाए रखे हुए है।
इस संदर्भ में जानकारी दी गई कि तहसील के बबई ग्राम निवासी केशोराव बिसेन के बेटे पुरूषोत्तम बिसेन का विवाह समारोह का आयोजन 3 अप्रैल को किया गया था। सालेकसा तहसील के वड़द निवासी हरिभाऊ ठाकरे की बेटी से विवाह संपन्न होकर बारात 4 अप्रैल को बबई पहुंची। जिसके बाद शाम को विवाह भोज का कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें 300 से अधिक बारातीयों ने भोजन ग्रहण किया, लेकिन 5 व 6 अप्रैल को जिन बारातीयों ने खाना खाया होकर उल्टी, बुखार और दस्त लगने लगी। जब घटना सामने आयी तो ग्रामीणों ने बीमार पड़े मेहमानों को ग्रामीण अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मोहाडी में भर्ती किया। लगभग 50 से अधिक लोग भोजन करने से बीमार पड़े। जिनमें से 4 बालकों की हालत गंभीर बताई गई थी, लेकिन ईलाज के बाद उनके स्वास्थ्य में सुधार हुआ है। विषबाधा की जानकारी फैलते ही बबई ग्राम तथा स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है।
👉भोजन बनाने वाले आचारी का यह है कहना
इस संदर्भ में भोजन बनाने वाले आचारी किसन तिलकचंद पटले से प्रस्तुत प्रतिनिधि द्वारा पुछा गया तो आचारी पटले ने जानकारी देते हुए बताया कि दुल्हे के पिता केशोराव बिसेन द्वाराअंदाजन 3 वर्ष पुराना चावल दिया गया था। इस चावल में किटक, भूसी तथा पाखर जैसा दिखाई दिया। इस चावल का भोजन बनाने से मना करने पर उन्होने इस ओर ध्यान नहीं दिया। लगभग 300 मेहमानों के लिए भोजन बनाया गया था। भोजन में दाल, चावल, आलूभट्टा की सब्जी, दही कड़ी व टमाटर चटणी का समावेश था। अनुमान लगाया जा रहा है कि पुराने चावल से ही भोजन करने वालों को विषबाधा हुई हो ।
👉क्या कहते है दूल्हे के पिता
इस विषय को लेकर दूल्हे के पिता से जानने का प्रयास किया गया तो,उन्होंने कहा कि, चावल जरूर पुराना था, लेकिन अच्छा था, उतना ज्यादा पुराना भी नहीं था। अच्छा चावल दिखाई देने पर आचारी को भोजन बनाने के लिए कहा गया था। लेकिन इस तरह की घटना होने से मुझे भी अफसोस होने की बात दूल्हे के पिता
केशोराव बिसेन ने कही
👆यही वह पकाया हुआ चावल जिसे जानवरों के लिए सूखाया जा रहा है
एक चौकाने वाली बात भी यह सामने आयी कि दुल्हे पुरूषोत्तम बिसेन के घर में जो मेहमानों को जिस चावल का भोजन खिलाया गया था, बाद में 50 से अधिक मेहमानों को भोजन के बाद उल्टिया, दस्त जैसी शिकायत आने पर दुल्हे के पिता केशोराव बिसेन ने उस पकाए हुए चावल को अलग कर जानवरों को खिलाने के लिए अपने मकान के छत पर सूखा िदया है। अब इस चावल काे जानवरों को खिलाया जाएगा इस तरह की बात भी केशोराव बिसेन द्वारा बताई गई।
👉 और ग्राम पंचायत बना अस्पताल
उपरोक्त मामले की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने गांव में ही स्वास्थ्य जांच शिविर लगाकर आशा सेविका, नर्स तथा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के माध्यम से घर-घर जाकर जांच अभियान शुरू कर दिया है। ग्राम पंचायत कार्यालय में ही मरीजों पर इलाज शुरू कर दिया गया है। स्थिती गंभीर दिखाई देने पर उन्हे आगे के उपचार के लिए ग्रामीण अस्पताल तथा जिला अस्पताल में रेफर किया जा रहा है।