लोकशाही एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क
जहां गांव वहां तालाब इसलिए गोंदिया जिले को तालाब का जिला कहा जाता है। लेकिन समय पर नियोजन तथा तालाबों की मरम्मत नहीं किए जाने के कारण जिले के तालाबों का अस्तित्व खतरे में आ गया है। यदि यही स्थिति बनी रही तो भविष्य में पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ेगा। इसका ताजा उदाहरण गोरेगांव वनपरिक्षेत्र अंतर्गत पिंडकेपार ग्राम पंचायत का रिटटोली तालाब का देखा जा सकता है। यह तालाब समतल हो जाने से तालाब मैदान में तब्दील हो गया है। यदि वनविभाग इस तालाब पर ध्यान दे तो यह तालाब वन्यजीव व किसानों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं होंगा।
बता दें कि, वनविभाग के अंतर्गत जिले में अनेक तालाबों का निर्माण किया गया है, वहीं पूर्व से ही तालाब बने हुए है। लेकिन समय पर मरम्मत एवं नियोजन के अभाव में तालाब समतल हो रहे है। ग्रीष्मकाल के पूर्व ही सुखने से वन्यजीवों को पानी के लिए भटकना पड़ता है। गोरेगांव वनपरिक्षेत्र अंतर्गत पिंडकेपार में स्थित रिटटोली तालाब है। यह तालाब वन्यजीवों के साथ किसानों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। लेकिन गहराईकरण व मरम्मत नहीं होने के कारण ग्रीष्मकाल के पूर्व ही पुरी तरह से सुख गया है, जिस कारण वन्यजीवों को पानी के लिए गांवों की ओर भटकना पड़ रहा है। इस दौरान मानव और वन्यजीवों में संघर्ष होने की प्रबल संभावना बनी रहती है। पिंडकेपार ग्राम पंचायत प्रशासन ने मांग की है कि, इस तालाब का गहराईकरण कर वन्यजीव व किसानों के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएं। जब इस संदर्भ में गोरेगांव वन विभाग से चर्चा की गई तो बताया गया कि जल्द ही तालाब का गहराईकरण के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया जाएगा ।इसके लिए ग्राम पंचायत प्रशासन को गहराईकरण का प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा।